■ मुक्तक…
■ कशमकश…
लगाव हो या मुहब्बत। इस तरह के कशमकश के हालात अक़्सर बनते ही हैं। ज़्यादातर लोगों के साथ।।
【प्रणय प्रभात】
■ कशमकश…
लगाव हो या मुहब्बत। इस तरह के कशमकश के हालात अक़्सर बनते ही हैं। ज़्यादातर लोगों के साथ।।
【प्रणय प्रभात】