Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2023 · 1 min read

■ मुक्तक

■ मुक्तक

1 Like · 248 Views

You may also like these posts

मुझे तुम मिल जाओगी इतना विश्वास था
मुझे तुम मिल जाओगी इतना विश्वास था
Keshav kishor Kumar
हार ....
हार ....
sushil sarna
खफा जरा क्या यार
खफा जरा क्या यार
RAMESH SHARMA
"वाह रे जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
बुद्ध पूर्णिमा विशेष:
बुद्ध पूर्णिमा विशेष:
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
4217💐 *पूर्णिका* 💐
4217💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
Shashi Mahajan
खुद को संभाल
खुद को संभाल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चांद का टुकड़ा
चांद का टुकड़ा
Santosh kumar Miri
सेक्स और शिक्षा का संबंध
सेक्स और शिक्षा का संबंध
पूर्वार्थ
*ऋषि अगस्त्य ने राह सुझाई (कुछ चौपाइयॉं)*
*ऋषि अगस्त्य ने राह सुझाई (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
निलय निकास का नियम अडिग है
निलय निकास का नियम अडिग है
Atul "Krishn"
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
gurudeenverma198
खबर नही है पल भर की
खबर नही है पल भर की
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
जिसके पास क्रोध है,
जिसके पास क्रोध है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#हुँकार
#हुँकार
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
अपने हर
अपने हर
Dr fauzia Naseem shad
😢आशंका😢
😢आशंका😢
*प्रणय*
हार का प्रमुख कारण मन का शरीर से कनेक्शन टूट जाना है।
हार का प्रमुख कारण मन का शरीर से कनेक्शन टूट जाना है।
Rj Anand Prajapati
युवा सपूतों
युवा सपूतों
Dr.Pratibha Prakash
झूठे सपने
झूठे सपने
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
surenderpal vaidya
फूल तो फूल होते हैं
फूल तो फूल होते हैं
Neeraj Agarwal
इस दरिया के पानी में जब मिला,
इस दरिया के पानी में जब मिला,
Sahil Ahmad
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
Vijay kumar Pandey
लम्हा-लम्हा
लम्हा-लम्हा
Surinder blackpen
जीवन
जीवन
लक्ष्मी सिंह
तुम बिन
तुम बिन
Rambali Mishra
अवल धरां है ऊजळी, सती सूरा री खांण।
अवल धरां है ऊजळी, सती सूरा री खांण।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ग़ज़ल _ क्या हुआ मुस्कुराने लगे हम ।
ग़ज़ल _ क्या हुआ मुस्कुराने लगे हम ।
Neelofar Khan
Loading...