■ मानसिक गुलाम और आज़ादी की मांग
#रोज़_का_धंधा
■ नए विवाद, नए फ़साद
देश-विरोधी तत्वों की एक ही मंशा। विश्व पटल पर देश की बड़नानी। प्रमाण छात्रों के नाम पर लामबंद बाहरी ताकतों की गुलाम तरुणाई। मानसिकता गुलामी वाली सोच से प्रेरित और नारे आज़ाद देश ने आज़ादी के। पता नहीं अब काहे की आज़ादी मांग रहे हैं मरदूद।।
【प्रणय प्रभात】