हिन्दी सूरज नील गगन का
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
शायरी का बादशाह हूं कलम मेरी रानी अल्फाज मेरे गुलाम है बाकी
अपने आत्मविश्वास को इतना बढ़ा लो...
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
ईश्वर जिसके भी सर्वनाश का विचार बनाते हैं तो सबसे पहले उसे ग
राधा के दिल पर है केवल, कान्हा का अधिकार
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
रब करे हमारा प्यार इतना सच्चा हो,
अधूरे रह गये जो स्वप्न वो पूरे करेंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"कटेंगे तो प्रसाद में बटेंगे,
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
समस्या विकट नहीं है लेकिन
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
दुनिया अब व्यावसायिक हो गई है,रिश्तों में व्यापार का रंग घुल
किस बात की चिंता
Anamika Tiwari 'annpurna '
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
आज भी कभी कभी अम्मी की आवाज़ सुबह सुबह कानों को सुन