क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
******* प्रेम और दोस्ती *******
भानू भी करता है नित नई शुरुवात,
प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
Anamika Tiwari 'annpurna '
कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
"सतगुरु देव जी से प्रार्थना"......💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हाथ की लकीरों में फ़क़ीरी लिखी है वो कहते थे हमें
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
लब पे खामोशियों के पहरे थे।
संयम रख ऐ जिंदगी, बिखर सी गई हू |
*1977 में दो बार दिल्ली की राजनीतिक यात्राएँ: सुनहरी यादें*
सजा मेरे हिस्से की उनको बस इतनी ही देना मेरे मौला,