रोने से मिटते नहीं, दिल के रिसते घाव ।
दीप तुम हो तो मैं भी बाती हूं।
शब्द" मुफ्त में मिलते हैं लेकिन
जो मिला उसे स्वीकारो या बदलाव करो,
रिश्ता नहीं है तो जीने का मक़सद नहीं है।
मुसलमान होना गुनाह
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हमें ना शिकायत है आप सभी से,
*सच्चे गोंड और शुभचिंतक लोग...*
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ
आज 16नवंबर 2024 के दिन से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो रही
मुझसे न पूछ दिल में तेरा क्या मुक़ाम है ,
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन