■ बेशर्म सियासत
#मन्तव्य-
प्रदर्शित ऐसा करते हैं मानो ख़ुद ही दूध के धुले हैं। बाक़ी सब कीचड़ में लथपथ हैं। जबकि असलियत यह है कि आज के दौर में भरमार जयचंदों की है।
#प्रणय_प्रभात
#मन्तव्य-
प्रदर्शित ऐसा करते हैं मानो ख़ुद ही दूध के धुले हैं। बाक़ी सब कीचड़ में लथपथ हैं। जबकि असलियत यह है कि आज के दौर में भरमार जयचंदों की है।
#प्रणय_प्रभात