Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2023 · 1 min read

■ बड़े काम की बात।।

■ बड़े काम की बात।।

1 Like · 209 Views

You may also like these posts

महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️
महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बाहिर से
बाहिर से
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मैं सत्य सनातन का साक्षी
मैं सत्य सनातन का साक्षी
Mohan Pandey
फिर फिर गलत होने का
फिर फिर गलत होने का
Chitra Bisht
लेखक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
लेखक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*छूट_गया_कितना_कुछ_पीछे*
*छूट_गया_कितना_कुछ_पीछे*
शशि कांत श्रीवास्तव
मउगी ओकर (हास्य कविता)
मउगी ओकर (हास्य कविता)
आकाश महेशपुरी
मैं बंजर हूं
मैं बंजर हूं
लक्की सिंह चौहान
जबसे देखा शहर तुम्हारा, अपना शहर भूल गए
जबसे देखा शहर तुम्हारा, अपना शहर भूल गए
Shreedhar
युद्ध
युद्ध
Shashi Mahajan
दुनिया चतुर सयानी बाला।
दुनिया चतुर सयानी बाला।
Kumar Kalhans
"भौतिकी"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं पत्थर की मूरत में  भगवान देखता हूँ ।
मैं पत्थर की मूरत में भगवान देखता हूँ ।
Ashwini sharma
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
कलानिधि
कलानिधि
Raju Gajbhiye
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
Neelam Sharma
सकारात्मकता
सकारात्मकता
Sangeeta Beniwal
दुआ
दुआ
Shutisha Rajput
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
कठपुतली
कठपुतली
Shyam Sundar Subramanian
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
Ravikesh Jha
जीवन क्या है ?
जीवन क्या है ?
Ram Krishan Rastogi
यह कैसे रिश्ते ?
यह कैसे रिश्ते ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
परछाइयां भी छोटी हो जाया करती है,
परछाइयां भी छोटी हो जाया करती है,
श्याम सांवरा
वहम और अहम में रहना दोनो ही किसी व्यक्ति के लिए घातक होता है
वहम और अहम में रहना दोनो ही किसी व्यक्ति के लिए घातक होता है
Rj Anand Prajapati
मनुष्य का कर्म विचारों का फूल है
मनुष्य का कर्म विचारों का फूल है
पूर्वार्थ
वैशाली
वैशाली
श्रीहर्ष आचार्य
मैंने मोहब्बत को बड़ी ही शिद्दत से निभाया
मैंने मोहब्बत को बड़ी ही शिद्दत से निभाया
Jyoti Roshni
ग़ज़ल _ आख़िरी आख़िरी रात हो ।
ग़ज़ल _ आख़िरी आख़िरी रात हो ।
Neelofar Khan
एक बार नहीं, हर बार मैं
एक बार नहीं, हर बार मैं
gurudeenverma198
Loading...