हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
23/184.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
आपको देखकर _दिल को ऐसा लगा
फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में ,
हम मोहब्बत में सिफारिश हर बार नहीं करते,
तुझसे परेशान हैं आज तुझको बसाने वाले
खट्टी-मीठी यादों सहित,विदा हो रहा तेईस
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
हिन्दी दोहे- चांदी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
दिल चेहरा आईना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कहो तुम बात खुलकर के ,नहीं कुछ भी छुपाओ तुम !
परिवर्तन चाहिए तो प्रतिवर्ष शास्त्रार्थ कराया जाए