Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2023 · 2 min read

■ प्रणय का गीत-

#जीवन_दर्शन-
■ बित्ते भर धरती, मुट्ठी भर अम्बर…!
【प्रणय प्रभात】
★ कुछ दिन अदला-बदली कर लें,
हम अपने अरमानों की।
मुझको धरती की चाहत है,
तुझको चाह उड़ानों की।
दे आराम थकन को मेरी,
ये ले मेरे पर ले ले।
बित्ते भर की धरती दे दे,
मुट्ठी भर अम्बर ले ले।।

★ नहीं अधूरापन जाएगा,
मगर टीस मद्धम होगी।
नए-नए कुछ अनुभव होंगे,
नीरसता ही कम होगी।
तेरी गठरी मेरे सिर रख,
मेरी अपने सर ले ले।
बित्ते भर की धरती दे दे,
मुट्ठी भर अम्बर ले ले।।

★ क्यूँ कर रोना मजबूरी पर,
देना भाव अभावों को?
कौन बुलाए न्यौता दे कर,
इन बेरहम तनावों को?
कुछ अच्छे पल दे मुस्का कर,
बदले में हँस कर ले ले।
बित्ते भर की धरती दे दे,
मुट्ठी भर अम्बर ले ले।।

★ बस इतनी सी चाहत मेरी,
तू मेरे सच को जाने।
जिजीविषा जीवन का मानी,
इस सच्चाई को माने।
अनुभव अपना बांट रहा हूँ,
चाहे तो आ कर ले ले।
बित्ते भर की धरती दे दे,
मुट्ठी भर अम्बर ले ले।।

★ धूप-छांव के साथ हवाएं
और फुहारें बरसाती।
एक कुटी, उपयोगी साधन,
बस विरक्त मन की थाती।
थोड़ा सा आंगन दे मुझको,
चाहे सारा घर ले ले।
बित्ते भर की धरती दे दे,
मुट्ठी भर अम्बर ले ले।।

★ सुख-दुख, हर्ष-विषाद एक से,
अब कोई प्रतिकूल नहीं,
वो सब कांटे दे सकते हैं,
जो दे सकते फूल नहीं।
भाव-हीन सूखी धरती तू,
गीतों का निर्झर ले ले।
बित्ते भर की धरती दे दे,
मुट्ठी भर अम्बर ले ले।।

■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 229 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सितारों की तरह चमकना है, तो सितारों की तरह जलना होगा।
सितारों की तरह चमकना है, तो सितारों की तरह जलना होगा।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
धधकती आग।
धधकती आग।
Rj Anand Prajapati
पगली
पगली
Kanchan Khanna
"मुश्किलों के प्रभाव में जी रहे हैं ll
पूर्वार्थ
शीर्षक: लाल बहादुर शास्त्री
शीर्षक: लाल बहादुर शास्त्री
Harminder Kaur
सफल हुए
सफल हुए
Koमल कुmari
अनमोल रतन
अनमोल रतन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
The Legend Of Puri Jagannath
The Legend Of Puri Jagannath
Otteri Selvakumar
नज़रें!
नज़रें!
कविता झा ‘गीत’
आता है संसार में,
आता है संसार में,
sushil sarna
जज्बात
जज्बात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*ईमानदार सच्चा सेवक, जनसेवा कर पछताता है (राधेश्यामी छंद)*
*ईमानदार सच्चा सेवक, जनसेवा कर पछताता है (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
Er.Navaneet R Shandily
🙅अचूक नुस्खा🙅
🙅अचूक नुस्खा🙅
*प्रणय*
हम सभी को लिखना और पढ़ना हैं।
हम सभी को लिखना और पढ़ना हैं।
Neeraj Agarwal
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
विकास शुक्ल
हे राम!धरा पर आ जाओ
हे राम!धरा पर आ जाओ
Mukta Rashmi
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
Dr Archana Gupta
3915.💐 *पूर्णिका* 💐
3915.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
माँ सरस्वती
माँ सरस्वती
Mamta Rani
अर्थी चली कंगाल की
अर्थी चली कंगाल की
SATPAL CHAUHAN
वक़्त जो
वक़्त जो
Dr fauzia Naseem shad
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
Shweta Soni
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बेटी का बाप हूँ न
बेटी का बाप हूँ न
Suryakant Dwivedi
ये अलग बात है
ये अलग बात है
हिमांशु Kulshrestha
कभी सोचा हमने !
कभी सोचा हमने !
Dr. Upasana Pandey
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा
Chitra Bisht
पर्वत 🏔️⛰️
पर्वत 🏔️⛰️
डॉ० रोहित कौशिक
"अवसाद का रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...