■ परिभाषा…
■ चिंतन-
निराकार में साकार, सगुण में निर्गुण, जड़ में चेतन, जीव में जगत और जगत में परमात्मा देखना ही अद्वैतवाद है, जो हर विवाद का हल है। पहल साहसिक व निर्विकार हो तो।।
【प्रणय प्रभात】
■ चिंतन-
निराकार में साकार, सगुण में निर्गुण, जड़ में चेतन, जीव में जगत और जगत में परमात्मा देखना ही अद्वैतवाद है, जो हर विवाद का हल है। पहल साहसिक व निर्विकार हो तो।।
【प्रणय प्रभात】