■ नीतिगत सच…
#दोहा
■ नीतिगत सच…
न एकाकी का कोई हो सकता है, न एकाकी किसी का। ऐसे लोगों को असामाजिक तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन सामाजिक भी नहीं माना जा सकता।
【प्रणय प्रभात】
#दोहा
■ नीतिगत सच…
न एकाकी का कोई हो सकता है, न एकाकी किसी का। ऐसे लोगों को असामाजिक तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन सामाजिक भी नहीं माना जा सकता।
【प्रणय प्रभात】