चौमासे में मरें या वर्षा का इंतजार करें ,
कैसे पचती पेट में, मिली मुफ्त की दाल।.
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
■शिक्षक दिवस (05 सितंबर)■
Sometimes a thought comes
नवल वर्ष का नवल हर्ष के साथ करें हम अभिनंदन
*कितने बिना इलाज मरे, कितने इलाज ने मारे (हिंदी गजल)*
करूँ तो क्या करूँ मैं भी ,
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
अफसोस मेरे दिल पे ये रहेगा उम्र भर ।
23/100.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
गांव गली के कीचड़, मिट्टी, बालू, पानी, धूल के।