■ नमन, वंदन, अभिनंदन
■ स्वागत भारत-वंशियों!
अंश को आमंत्रण अंशी का।
स्वागत हर भारत-वंशी का।।
स्मृति महकेगी पल-पल में।
भारत माता के आंचल में।।
जिसकी पावन हर परिपाटी।
जिसकी चन्दन-वर्णी माटी।।
जिसकी सुरभित सुखद हवाएं।
जिसकी मन-भावनी प्रथाएं।।
जिसका शर्बत सा मृदु पानी।
जिसकी कोकिल जैसी बानी।।
जिसने सब जग अपना माना।
जिसने अनुशीलन है ठाना।।
उस का मालव क्षेत्र मनोरम।
जिसकी अलग अनूठी दमखम।।
पग-पग भोजन पग-पग जल है।
जिसका जनमानस निश्छल है।।
है इन्दौर जहां की धड़कन।
जो है स्वच्छ मनोहर उपवम।।
जिसके व्यंजन सब को भाए।
वो जिसने नवाचार अपनाए।।
बिछा कर के चूनर धानी को।
तत्पर सबकी अगवानी को।।
भरोसा सबका हृदय खिलेगा।
जब घर सा आनन्द मिलेगा।।
सभी को नमन, नेह का वंदन।
सब अपने सबका अभिनंदन।।
★प्रणय प्रभात★
श्योपुर (मध्यप्रदेश)
8959493240