Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
*प्रणय*
67 Followers
Follow
Report this post
11 Aug 2023 · 1 min read
■ धूर्तता का दौर है जी…
■ यह दौर तो महा धूर्तता का दौर है जी…।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 348 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like these posts
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
Gouri tiwari
*जो अपना छोड़कर सब-कुछ, चली ससुराल जाती हैं (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
''दाएं-बाएं बैसाखी की पड़ते ही दरकार।
*प्रणय*
दिल से निभाती हैं ये सारी जिम्मेदारियां
Ajad Mandori
वे आजमाना चाहते हैं
Ghanshyam Poddar
Adhyatam
Vipin Jain
"हमारे नेता "
DrLakshman Jha Parimal
बदबू से रोवेला गेंदा-गुलाब
आकाश महेशपुरी
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
Rj Anand Prajapati
"असफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
जब हमें तुमसे मोहब्बत ही नहीं है,
Dr. Man Mohan Krishna
ज़रूरत मतलब लालच और रिश्ते
Nitin Kulkarni
रोला छंद..
sushil sarna
जी करता है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e
पूर्वार्थ
एक ऐसी रचना जो इस प्रकार है
Rituraj shivem verma
पितरों के लिए
Deepali Kalra
लिखूं कविता
Santosh kumar Miri
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
Shreedhar
तारे
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
गुरु
R D Jangra
कठोर व कोमल
surenderpal vaidya
एक तरफ
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जिन्दगी के सवालों का जवाब
Akash RC Sharma
बचपन में लिखते थे तो शब्द नहीं
VINOD CHAUHAN
बिखरते मोती
इंजी. संजय श्रीवास्तव
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पहाड़ की होली
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
20. *कैसे- कैसे रिश्तें*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
gurudeenverma198
Loading...