■ दोहा / पर्व का संदेश
■ दोहा
आज के पर्व का संदेश
【प्रणय प्रभात】
हमारी सत्य-सनातन धर्म संस्कृति के सभी पर्व-उत्सव किसी न किसी संदेश के संवाहक है। फिर चाहे वो संदेश धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक कैसा भी क्यों न हो। कुछ के पीछे वैज्ञानिक अवधारणाएं हैं तो कुछ के पीछे मानवीय सम्वेदनाएँ और सामाजिक सरोकार। ऐसा ही पर्व है “मकर संक्रांति”, जो दायक के प्रति कृतज्ञता का परिचायक है। एक संदेश मैंने भी खोजा। जो दोहे की सूरत में प्रस्तुत है।