मत ढूढो मुझे दुनिया की तनहाई मे.......
नवरात्रा तीसरा ★ तृतीय अंक ★* 3* दो स्तुतियां
जुदाई
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
कांटों के संग जीना सीखो 🙏
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
साहित्यिक आलेख - पुस्तक विमर्श - मैला आँचल
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जो न चाहे दिल वही अपनाना पड़ता है यहाॅं
रिळमिळ रहणौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
एक वक्त था जब ज़माना अपना था और तुम अजनबी से, अब देखो ज़माना
शाख़ ए गुल छेड़ कर तुम, चल दिए हो फिर कहां ,