■ दूसरा पहलू…
■ नाराज़गी यानि अपनापन)
अगर कोई आपकी किसी बात, कार्य, आदत या बर्ताव से खफ़ा हो तो नाराज़ होने के बजाय ख़ुश हो कर अपनी ग़लती का अहसास करने की कोशिश करें। यह सोच कर कि, नाराज़गी का इज़हार कोई अपना ही अपनों से करता है। ग़ैरों से नहीं।।
【प्रणय प्रभात】