■ तेवरी / देसी ग़ज़ल
😊 हिंदी ग़ज़ल…
उनके आंसू कौन संभाले…..?
【प्रणय प्रभात】
★ जिनके दिल बादल से काले।
उनके आंसू कौन संभाले।।
★ जो ना समझें पीर पराई।
कौन गिनेगा उनके छाले।।
★ आप संभालें अपनी दुनिया।
हम कर बैठे राम हवाले।।
★ सच में भुला चुके हैं सब कुछ।
याद न आओ, बैठे-ठाले।।
★ बड़ी अकड़ थी शान किसी की।
आज दिख रहे ढीले-ढाले।।
★ कूट-कूट छल-दंभ भरा है।
बस सूरत से भोले-भाले।।
★ आज फ़िक़र दाना-पानी की।
ख़ूब अदा के पंछी पाले।।
★ सम्बंधो का निकल चुका दम।
बस बातें करते हैं साले।।
★ जोड़-जोड़ दीवार उठा लो।
कोई पत्थर अगर उछाले।।