एकवेणी जपाकरणपुरा नग्ना खरास्थिता।
*शादी के पहले, शादी के बाद*
*मिलता जीवन में वही, जैसा भाग्य-प्रधान (कुंडलिया)*
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
ये एहतराम था मेरा कि उसकी महफ़िल में
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
पढ़े-लिखे पर मूढ़
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
"करने वाला था नहीं, कोई दुआ-सलाम।
देख वसीयत बिटिया खड़ी मुसकाय
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
न जाने वो कैसे बच्चे होंगे
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
अब तो तुम्हारी मांग में सिंदूर भरने के बाद ही,
This generation was full of gorgeous smiles and sorrowful ey
प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -183 के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'