■ जीवन सार
■ आज की बात…
सुख-दुःख, धूप-छांव का संगम है जीवन, जिसमें कोई स्थायित्व नहीं। समय के साथ बदलती परिस्थितियां सदैव यही सिद्ध करती हैं। जिसका एक नमूना एक खेल भी है, जो “सांप-सीढी” कहलाता है। यही समझाता है कि हर्ष के पलों में न बहुत उत्साहित होना अच्छा है, न विषाद के क्षणों में हतोत्साहित होना।।
【प्रणय प्रभात】