Nature is my care taker now
ओ मेरी सोलमेट जन्मों से - संदीप ठाकुर
अरसा हो गया हमको किसी से कहे हुए...!
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इन दिनों शहर में इक अजब सा माहौल है,
औरते और शोहरते किसी के भी मन मस्तिष्क को लक्ष्य से भटका सकती
अब नहीं वो ऐसे कि , मिले उनसे हँसकर
"" *तथता* "" ( महात्मा बुद्ध )
आलेख-गोविन्द सागर बांध ललितपुर उत्तर प्रदेश
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*गुरु चरणों की धूल*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नहीं खुलती हैं उसकी खिड़कियाँ अब
ABC8 đã trở thành cái tên quen thuộc trong giới cá cược trực
पहले दौलत की खातिर, सब कुछ किया निछावर,
नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता।
*ऑंखों के तुम निजी सचिव-से, चश्मा तुम्हें प्रणाम (गीत)*