नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
मिली वृक्ष से छांह भी, फल भी मिले तमाम
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
उल्फ़त का आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
कसीदे नित नए गढ़ते सियासी लोग देखो तो ।
एक स्त्री चाहे वह किसी की सास हो सहेली हो जेठानी हो देवरानी
*वैदिक संस्कृति एक अरब छियानवे करोड़ वर्ष से अधिक पुरानी है:
करवा चौथ घनाक्षरी ( हास्य)
पूनम का चांद
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
महानायक दशानन रावण भाग:02 by karan Bansiboreliya
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।