■ ख़ास दिन, ख़ास बात, नज़्म के साथ
😊 एक अहम दिन
■ सह-यात्रा के 32 साल
【प्रणय प्रभात】
अखिल कोटि ब्रह्मांड-नायक प्रभु श्री राम जी की असीम कृपा और बाबा महाकाल के आशीर्वाद से सामंजस्य, समरसता और साझा संघर्ष वाली सह-यात्रा का एक और वर्ष आज पूर्णता प्राप्त कर रहा है। दिल की भावनाएं जीवनसाथी के प्रति एक छोटी सी नज़्म के रूप में व्यक्त की जा रही हैं। भरपूर प्यार और आभार के साथ।
#नज़्म-
“जहाँ तलक राहें जाती हैं,
धरती से अम्बर मिलता है।
जहाँ तलक नज़रें जाती हैं,
क़ुदरत का यौवन खिलता है।
जहाँ तलक पंछी दिखते हैं,
कलरव का आभास जहाँ तक,
जहाँ तलक जीवन बसता है,
साथी अपना साथ वहाँ तक।
थामे हाथ चलो, मेरे साथ चलो।।”
【प्रणय प्रभात】