" जीवन है गतिमान "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
चीखें अपने मौन की
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
तेवरी’ प्रेमालाप नहीं + आदित्य श्रीवास्तव
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
"उमंग तरंग हो मन का मेरे, हर सुख का आभास हो"
खोजने लगी वो सुख का खज़ाना,
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
पेड़ कटता जा रहा झूठे विकासों में ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
वस्तुएं महंगी नही आप गरीब है जैसे ही आपकी आय बढ़ेगी आपको हर
ओ मां के जाये वीर मेरे...
संवादरहित मित्रता, मूक समाज और व्यथा पीड़ित नारी में परिवर्तन
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,