हिंदी हाइकु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
लाख तूफ़ान आए, हिम्मत हारना मत ।
■ शिक्षक दिवस पर एक विशेष कविता…।
तालाब समंदर हो रहा है....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*नारी को है सम्मान जहॉं, वह धरती स्वर्ग-समान है (राधेश्यामी
सच जानते हैं फिर भी अनजान बनते हैं
प्रेम हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
जूझ रहा था तालाब पानी के अभाव में।
सब लोगो के लिए दिन में 24 घण्टे ही होते है
मां की आँखों में हीरे चमकते हैं,
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं,
ऐसे लोगो को महान बनने में देरी नही लगती जो किसी के नकारात्मक
*पहले वाले मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
अनजान राहों का सफर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
ख्वाबों में भी तेरा ख्याल मुझे सताता है