क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
मग़रिबी और मशरिक तो क्या सारे जहान में शुमार है जिसका ।
औरत अश्क की झीलों से हरी रहती है
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*पाए हर युग में गए, गैलीलियो महान (कुंडलिया)*
मन राम हो जाना ( 2 of 25 )
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
बरसात का मौसम तो लहराने का मौसम है,
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
एक पेड़ की हत्या (Murder of a Tree) कहानी
है कौन जो इस दिल का मेज़बान हो चला,
पर्यावरण में मचती ये हलचल
There are instances that people will instantly turn their ba
यदि आपका चरित्र और कर्म श्रेष्ठ हैं, तो भविष्य आपका गुलाम हो
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,