वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
तेवरी का आस्वादन +रमेशराज
अंदर मेरे रावण भी है, अंदर मेरे राम भी
कुछ असली दर्द हैं, कुछ बनावटी मुसर्रतें हैं
*सब से महॅंगा इस समय, पुस्तक का छपवाना हुआ (मुक्तक)*
गीत- चले आओ मिले तुमसे...
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्रत्येक चैंपियन कभी ना कभी नौसिखिया होता है, स्वास्थ्य आपका
कितने सावन बीत गए.. (सैनिक की पत्नी की मीठी मनुहार)
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
बिना काविश तो कोई भी खुशी आने से रही। ख्वाहिश ए नफ़्स कभी आगे बढ़ाने से रही। ❤️ ख्वाहिशें लज्ज़त ए दीदार जवां है अब तक। उस से मिलने की तमन्ना तो ज़माने से रही। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
गहरे ज़ख्म मिले हैं जिंदगी में...!!!!