दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
कद्र और कीमत देना मां बाप के संघर्ष हो,
गांधी लाल बहादुर शास्त्री हमरा देश के दुगो शनवा।
ग़ज़ल _ मिले जब भी यारों , तो हँसते रहे हैं,
लिखें जो खत तुझे कोई कभी भी तुम नहीं पढ़ते !
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
DR Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
ज़िन्दगी एक बार मिलती हैं, लिख दें अपने मन के अल्फाज़
हाथ में उसके हाथ को लेना ऐसे था