मुराद अपनी कोई अगर नहीं हो पूरी
चला मुरारी हीरो बनने ....
मैं मासूम "परिंदा" हूँ..!!
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया
लड़कियों को हर इक चीज़ पसंद होती है,
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
बुंदेली दोहे- नतैत (रिश्तेदार)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पकड़ मजबूत रखना हौसलों की तुम "नवल" हरदम ।
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
बादलों पर घर बनाया है किसी ने...
गंगा- सेवा के दस दिन (छठा दिन)