जग अंधियारा मिट रहा, उम्मीदों के संग l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
हर इक शाम बस इसी उम्मीद में गुजार देता हूं
Tum toote ho itne aik rishte ke toot jaane par
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है।
जैन मुनि है महावीर स्वामी भगवान हो
सुकून मिलता है तेरे पास होने से,
धार्मिक स्थलों के झगडे, अदालतों में चल रहे है. इसका मतलब इन
काम चलता रहता निर्द्वंद्व
किताब के किसी पन्ने में गर दर्दनाक कोई कहानी हो
"मेरे आंसूओं पर बहुत शक करती हो ll
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*