यह हिन्दुस्तान हमारा है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
कविता की बोली लगी
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
दुनिया में कुछ भी बदलने के लिए हमें Magic की जरूरत नहीं है,
लाख कहते रहो बुरा हूँ मैं
ध्रुवदास जी के कुंडलिया छंद
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
इनायत है, शनाशाई नहीं है।
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
तीर'गी तू बता रौशनी कौन है ।
अंधभक्तो अगर सत्य ही हिंदुत्व ख़तरे में होता
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
यह दुनिया सिर्फ उनका हाल-चाल पूछती है, जिनके हालात ठीक है, त
दुनिया अब व्यावसायिक हो गई है,रिश्तों में व्यापार का रंग घुल
ख़यालों में रहते हैं जो साथ मेरे - संदीप ठाकुर
छल करने की हुनर उनमें इस कदर थी ,
"राज़-ए-इश्क़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD