■ एक कटाक्ष
■ सियासी चरित्र-
उनके लिए प्रभु श्रीराम “काल्पनिक” थे और शूर्पणखा “वास्तविक।”
यह है कुत्सित राजनीति का कपटी चरित्र। चित्त भी अपनी, पट्ट भी अपनी, अंटा अपने बाप का। तभी तो “पांव जोड़ो अभियान” (पदयात्रा) के बाद “हाथ जोड़ो अभियान” की ज़रूरत पड़ रही है। “दिल जोड़ो अभियान” चलाओ अब। वरना जनता तो “पीछा छोड़ो अभियान” चला ही रही है। कहीं का नहीं छोड़ेगी अगली बार।।
【प्रणय प्रभात】