Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2023 · 1 min read

■ आज की बात

■ आज की बात
चमत्कार को नमस्कार?
【प्रणय प्रभात】
“जहां काम आवे सुई, कहा करे तरवार” जैसे मंत्र की अनसुनी करने वाले मदान्धों को क्या पता कि सिलने का काम तलवार नहीं सुई ही करती है। फिर चाहे वो कोट हो या पेटीकोट।।

1 Like · 397 Views

You may also like these posts

संस्कारों का चोला जबरजस्ती पहना नहीं जा सकता है यह
संस्कारों का चोला जबरजस्ती पहना नहीं जा सकता है यह
Sonam Puneet Dubey
हंस रहा हूं मैं तेरी नजरों को देखकर
हंस रहा हूं मैं तेरी नजरों को देखकर
भरत कुमार सोलंकी
4862.*पूर्णिका*
4862.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
- हमारे अल्फाजों की दुनिया तुमसे शुरू तुम पर ही खत्म -
- हमारे अल्फाजों की दुनिया तुमसे शुरू तुम पर ही खत्म -
bharat gehlot
जय श्री राम
जय श्री राम
Neha
फूल भी खिलते हैं।
फूल भी खिलते हैं।
Neeraj Agarwal
कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं
कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं
gurudeenverma198
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
अंसार एटवी
होते है कुछ लड़के..
होते है कुछ लड़के..
Abhishek Rajhans
सेवानिवृत्ति
सेवानिवृत्ति
Khajan Singh Nain
धागा
धागा
sheema anmol
लत
लत
Mangilal 713
थोड़ा खुदसे प्यार करना
थोड़ा खुदसे प्यार करना
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ममता की छाँव
ममता की छाँव
Kanchan Advaita
उनसे मिलने से पहले ही अच्छे थे अपने हालात
उनसे मिलने से पहले ही अच्छे थे अपने हालात
Jyoti Roshni
हंस भेस में आजकल,
हंस भेस में आजकल,
sushil sarna
तू देख, मेरा कृष्णा आ गया!
तू देख, मेरा कृष्णा आ गया!
Bindesh kumar jha
गूंजेगा नारा जय भीम का
गूंजेगा नारा जय भीम का
Shekhar Chandra Mitra
शाश्वत प्रेम
शाश्वत प्रेम
Shashi Mahajan
अपने भाई के लिये, बहन मनाती दूज,
अपने भाई के लिये, बहन मनाती दूज,
पूर्वार्थ
#घर की तख्ती#
#घर की तख्ती#
Madhavi Srivastava
" इम्तिहान "
Dr. Kishan tandon kranti
■एक शेर और■
■एक शेर और■
*प्रणय*
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
कृष्णकांत गुर्जर
घर की गृहलक्ष्मी जो गृहणी होती है,
घर की गृहलक्ष्मी जो गृहणी होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिन्दगी यह बता कि मेरी खता क्या है ।
जिन्दगी यह बता कि मेरी खता क्या है ।
Ashwini sharma
अपने होने
अपने होने
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
Phool gufran
Loading...