■ आज की ग़ज़ल
#ग़ज़ल
😊 अपना-पराया भूल जा……!!”
【प्रणय प्रभात】
■ साथ कब किसने दिया, किसने सताया भूल जा।
चार दिन के खेल में, अपना पराया भूल जा।।
■ किसने तुझ पे संग फेंके, किसने तुझसे घात की।
कौन तेरी बेबसी पर, मुस्कुराया भूल जा।।
■ घर जले का ग़म न कर, उठ दूसरा तामीर कर।
किसके कहने से जला, किसने जलाया भूल जा।।
■ कितने दिन नक़ली हँसी के, साथ गुज़रे याद रख।
कितनी रातें आंसुओं में, है नहाया भूल जा।।
■ जो मिला अच्छा बुरा, बस वो है सरमाया तेरा।
इस को पाने के लिए, क्या-क्या गँवाया भूल जा।।
■ अपनी कमज़ोरी समझ, तोहमत लगा मत ग़ैर पर।
सोच ये कैसे गिरा, किसने गिराया भूल जा।।
★प्रणय प्रभात★
श्योपुर (मध्यप्रदेश)