''हसीन लम्हों के ख्वाब सजा कर रखें हैं मैंने
उल्लू नहीं है पब्लिक जो तुम उल्लू बनाते हो, बोल-बोल कर अपना खिल्ली उड़ाते हो।
किसी सहरा में तो इक फूल है खिलना बहुत मुश्किल
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
With every step, you learn, you soar,
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
रूस्तम रूठे तो रूपमा, रूह रूठे तो कौन।
जमाना खराब हैं....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
शिकस्तहाल, परेशान, गमज़दा हूँ मैं,
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है