■ आज का मुक्तक
#मुक्तक…
■ बोलते हैं खंडहर…
दूर रहिए और दूर से ही गुज़र जाइए। जर्जर दीवारें मामूली सी आहट से भी धराशायी हो जाती हैं अक़्सर।।
■ प्रणय प्रभात ■
#मुक्तक…
■ बोलते हैं खंडहर…
दूर रहिए और दूर से ही गुज़र जाइए। जर्जर दीवारें मामूली सी आहट से भी धराशायी हो जाती हैं अक़्सर।।
■ प्रणय प्रभात ■