■ आज का मशवरा…
■ आज का मशवरा…
【प्रणय प्रभात】
“ठीक है हाथ में तलवार पराई है मगर,,,,,
हाथ अपने हैं बगावत से ज़रा दूर रहें….!!
पांव के नीचे नहीं जिनके पास खुद की ज़मीं,,,,,
मशवरा है कि सियासत से ज़रा दूर रहें….!!”
यह सलाह उनके लिए है जिनके पास न अपने पांव हैं, न अपनी ज़मीन। राजनीति केवल ठोस पृष्ठभूमि वालों के लिए है। अब फ़र्श बिछाने, झंडे लहराने और नारे लगाने में उम्र गंवाने की खुजली हो तो लगे रहो सूंघ-सूंघ कर चाटने और सहलाने में। उम्र गुज़र जाएगी ख़ुद को बहलाने में। चाय-पकौड़ी के सहारे।।
(प्रणय प्रभात)