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1 Feb 2023 · 1 min read

■ आज का दोहा

■ जय लोकतंत्र
आज का आभास अनायास छले जाने का। आंकड़ों की आड़ में, जनहित गया भाड़ में।
【प्रणय प्रभात】

1 Like · 127 Views
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