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3 Feb 2023 · 1 min read

■ आज का कटाक्ष

■ कौन कहता है…?
कौन कहता है कि मुल्क़ में लोगों के पास वक़्त नहीं है? भरपूर वक़्त है साहब, सबके पास। ख़ास कर उनके पास, जिनके साथ ख़ुद वक़्त है। मामूली सी टिप्पणियों पर घण्टों की बहस करते घंटालों को देख लो। समय का टोटा तो बस उनके पास है, जो दो जून की रोटी के चक्कर मे उम्र खपा देते हैं। विडम्बना है कि मेहनतकशों का देश फुरसतियों का मुल्क़ बनता जा रहा है। शायद इसे ही बदलाव कहते हैं।।
【प्रणय प्रभात】

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