सिर्फ़ मेरे लिए बने थे तो छोड़कर जाना क्यूं था,
I want to collaborate with my lost pen,
तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है
मन नही है और वक्त भी नही है
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बारिश पुकार कर, कहती है यार से,,
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
*सागर में ही है सदा , आता भीषण ज्वार (कुंडलिया)*
सब मुकम्मल है अपनी नज़रों में ।
सुंदरता का मोह माया त्याग चुके हैं हम