■ अवध की शाम
#तीन दोहे-
■ जगमगाती शाम के नाम…।
【प्रणय प्रभात】
● दशमुख का संहार कर,
लौटे हैं श्रीराम।
अगवानी कर मुदित है,
आज अवध की शाम।।
● मां सरयू ने राम की,
बरसों जोही बाट।
लाखों जगमग दीप से,
तब सज पाए घाट।।
● दीप दीप संकल्प है,
दीप दीप सत्कार।
दीप दीप मिल कर रहे,
प्रभु की जय जयकार।।
अवध में आनंद भयो जय रघुवर लाल की।।
■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)