■ अपना मान, अपने हाथ
■ अपना मान, अपने हाथ
सम्मान कोई देता नहीं आज के दौर में। लेना पड़ता है खुद को दृढ़ बना कर।
★प्रणय प्रभात★
■ अपना मान, अपने हाथ
सम्मान कोई देता नहीं आज के दौर में। लेना पड़ता है खुद को दृढ़ बना कर।
★प्रणय प्रभात★