■ अच्छे शिक्षक, अच्छे बच्चे
#उल्लास_के_पल
■ बाल कविता का हुआ सामूहिक पाठ
★ सार्थक होती मेरी पहली बाल कविता
★ धन्यवाद मैडम को, स्नेह स्नेह बच्चों को
【प्रणय प्रभात】
एक अच्छा शिक्षक वह, जो अपने विद्यार्थियोँ के लिए रुचिकर सामग्री का समयोचित चयन व सदुपयोग करने को लेकर सजग व तत्पर रहे। जैसे प्राथमिक विद्यालय चम्बल कॉलोनी श्योपुर में पदस्थ शिक्षिका श्रीमती मंजू शुक्ला। जोआपनी कक्षा के बच्चों को पढ़ाने के पारंपरिक व नूतन दोनों तरीकों का उपयोग उत्साह से करती हैं। मुझे शिक्षक के रूप में उनकी सक्रिय व समर्पित भूमिका की जानकारी अरसे से है। आज लिखने का सुयोग एक निसाल के साथ मिला। उन्होंने मेरी पहली बाल-कविता (सूरज सोया, ओढ़ रज़ाई) परसों रात फेसबुक पर पढ़ी। उसे कल सुबह अपनी शाला के बच्चों को याद भी करा दिया। आज मेरे आग्रह पर कविता गाते बच्चों का वीडियो भी उपलब्ध करा दिया। प्रशंसा की वजह अपनी कविता का प्रसार नहीं बल्कि बच्चों के लिए किताबो के बाहर से रोचक सामग्री की तलाश जैसा प्रयास है। जो बच्चों में कुछ नया सीखने और प्रस्तुत करने का उत्साह जागृत करता है। मैं इस तरह की हर कोशिश का क़ायल हूँ। आगे भी रहूंगा। भले ही सामग्री का सम्बंध मुझसे हो या मेरे जैसे किसी और प्रयोगधर्मी से। धन्यवाद बहिन मंजू। स्नेह सभी बाल-गोपालों को। आप सुनिए बच्चों का सामूहिक काव्यपाठ और सराहिये उनके उत्साह को।।
Manju Shukla