■【(3) हाइकु】■
याद प्रीतम-
मन करे विभोर-
हो दुःख जोर!
*********
प्रेम रुआता-
ह्रदय को जलाता-
दर्द बढ़ाता!
*********
सावन बर्षा-
न आई सवारिया-
मन तरसा!
कवि-वि के विराज़
याद प्रीतम-
मन करे विभोर-
हो दुःख जोर!
*********
प्रेम रुआता-
ह्रदय को जलाता-
दर्द बढ़ाता!
*********
सावन बर्षा-
न आई सवारिया-
मन तरसा!
कवि-वि के विराज़