■ध्यान रखना■
■ध्यान रखना■
धर्म-कर्म आत्म-सुख व आत्म-कल्याण के लिए किए जाते हैं। न कि धर्म या समाज पर कोई उपकार करने के लिए।
😢प्रणय प्रभात😢
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धर्म-कर्म आत्म-सुख व आत्म-कल्याण के लिए किए जाते हैं। न कि धर्म या समाज पर कोई उपकार करने के लिए।
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