√√रस्म रूठने की (हास्य गीत)
रस्म रूठने की (हास्य गीत)
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रस्म रूठने की लड़के की शादी में अति प्यारी
(1)
फूफा रूठे हुए, साथ में बुआ गाँठ में बाँधे
रूठे फूफा मना रहे हैं लड़की वाले आधे
चैन मिली सोने की इनको, मिली न लेकिन भारी
(2)
ताऊ रूठे-चाचा रूठे ,कहते मान न पाया
टीका किया ,लिफाफा लेकिन हम को हल्का आया
बहू आ चुकी घर में लेकिन इनका गुस्सा जारी
(3)
ताई रूठीं-चाची रूठीं, रूठीं सारी भाभी
कहतीं नहीं घुसोगे घर में ,नहीं मिलेगी चाभी
इन्हें चाहिए शादी में बढ़िया गोटे की साड़ी
(4)
रुठे दीख रहे शादी में सौ में बीस बराती
प्रीतिभोज में इनको खाने की कुछ चीज न भाती
इन्हें शिकायत है शादी में हुई न खातिरदारी
रस्म रूठने की लड़के की शादी में अति प्यारी
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451