√√मैया के दर्शन कर आएँ (भक्ति-गीत)
मैया के दर्शन कर आएँ (भक्ति-गीत)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
चलो निकट से जाकर मैया के दर्शन कर आएँ
(1)
एक हाथ में है त्रिशूल जिससे महिषासुर मारा
गदा और तलवार सुशोभित जिससे आसुर हारा
धनुष-बाण इनका चलता है पाकर तनिक इशारा
दूर-दूर तक चक्र कर रहा दुष्ट- रहित जग सारा
अस्त्र शस्त्र हैं यह मैया के दुष्ट देख डर जाएँ
(2)
हम भोले-भाले बच्चे, माँ हमको शंख सुनातीं
हमें कमल की पंखुड़ियों से छू-छूकर सहलातीं
सदा-सदा आशीष हमारे ऊपर माँ बरसातीं
वरद हस्त माँ का जब तक, बाधाएँ नहीं सतातीं
माँगें माँ से ,माँ अपना प्रिय बालक हमें बनाएँ
चलो निकट से जाकर मैया के दर्शन कर आएँ
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिताः रवि प्रकाश,, बाजार सर्राफा,
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451