√√अफसर-बाबू सदाबहार 【हास्य गीत】
अफसर-बाबू सदाबहार 【हास्य गीत】
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रोज बदलते मंत्री ,अफसर-बाबू सदाबहार
(1)
आती है सरकार नई ,सरकार पुरानी जाती
जीत-हार नेताओं के ,केवल हिस्से में आती
कब अफसर-बाबू की ,बदली दफ्तर में सरकार
(2)
सुरती खाकर पीक थूकते रहते बाबू-अफसर
रिश्वत खाने के कम होते ,कब हैं इनके अवसर
फाइल आगे बढ़ती ,तब जब इनका हो सत्कार
(3)
मंत्री जी को कहाँ पता ,सब अफसर नियम बनाते
काम निकलवाने वाले , बाबू को रोज मनाते
सभी दलों के समझो ,सारे मंत्री जी बेकार
(4)
सभी विभागों में अफसर-बाबू बस राज चलाते
नियम-उपनियम और विनियमन यह ही हैं दिखलाते
जो इनको खुश करता ,उसका होता बेड़ा पार
रोज बदलते मंत्री ,अफसर-बाबू सदाबहार
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451