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7 Sep 2023 · 3 min read

. ‼️🌹जय श्री कृष्ण🌹‼️

. ‼️🌹जय श्री कृष्ण🌹‼️
अज्ञानी की कलम

🚩🙏🌹 श्री कृष्ण के 108 नाम अर्थ सहित।।🙏
🚩भगवान श्री कृष्ण को हम कृष्णा, माधव, गोविन्द, द्वारिकाधीश, गिरधर गोपाल कई नामों से पुकारते है. भक्त के मन में उनकी जैसी छवि होती है वो उसी नाम से उनका सिमरन करते हैं. यहाँ हम श्री कृष्ण के 108 नामों का वर्णन करते हैं।।🙏🙏🌹🌹

1. कृष्ण : सब को अपनी ओर आकर्षित करने वाला, सांवले रंग वाले

2. माधव : ज्ञान के भंडार, माया के पति

3 . मुरारी : मुर दैत्य के शत्रु

4. गिरधर : गोवर्धन पर्वत उठाने वाले

5. गोपाल: गाय के रक्षक, ग्वालों के साथ खेलने वाले

6. हरि : प्रकृति के भगवान, दुखो को हरने वाले

7 . मुरली मनोहर : मुरली बजाकर मन मोहने वाले

8. श्याम : जिनका रंग सावला हो

9 . देवकिनन्दन: माँ देवकी के पुत्र

10. वसुदेव : सब जगह रहने वाले

11. मुरलीधर: मुरली धारण करने वाले

12. बाल गोपाल: भगवान कृष्ण का बाल रूप

13 . गोविन्दा : गाय, प्रकृति और भूमि को चाहने वाले

14. अचला : भगवान

15 . अच्युत : जिसने कभी चुक ना की हो

16. अद्भुतह : अद्भुत प्रभु

17. आदिदेव : देवताओं के स्वामी

18 . विष्णु : भगवान विष्णु के स्वरुप

19 . उपेद्र: इन्द्र के भाई

20. लक्ष्मीकांत : देवी लक्ष्मी के पति

21. दामोदर: कमर में रस्सी के साथ बंधे

22. मदन: प्रेम के प्रतीक

23. अदित्या : देवी अदिति के पुत्र

24. अपराजित : जिन्हें हराया न जा सके

25. बलि : सर्वशक्तिमान

26. द्वारकाधीश: द्वारिका के राजा

27. जगन्नाथ: ब्रह्मांड के ईश्वर

28. जगदीश: जगत के रक्षक

29. जगद्गुरु: ब्रह्मांड के गुरु

30. जनार्दन: सभी को वरदान देने वाले

31. कमलनाथ: देवी लक्ष्मी के प्रभु

32. मनमोहन. सबका मन मोह लेने वाले

33. बनवारी : वनों में विहार करने वाले

34. मुकुंद : जिनके पास निधियां हो

35. गोपेश : गोपियों के मालिक

36. मनोहर : मन को हरण करने

37. पालनहार :सब का पालन पोषण करने वाले

38. रणछोड़ : युद्ध भूमि से भागने वाले

39. हृषिकेश : इन्द्रियों को जीतने वाले

40. देवेश : देवों के ईश

41. नागर: सुंदर

42. छलिया: छल करने वाले

43: वल्लभ: सदा आनंद में लीन रहने वाले, प्रिय

44: रास रचिया: रास रचाने वाले

45: मुचुकुन्द प्रसारक : प्रभु ने मुचुकुन्द को धारण किया

46: श्री वत्स कौस्तुभधराय : श्री वत्स और कौस्तुभ रत्न पहने

47: राधेश: राधा के सवामी

48: नंद लाल: नंद बाबा के पुत्र

49: पार्थसारथी: अर्जुन के सारथी

50: पुरूषोत्तम: उत्तम पुरुष

51: श्री:कात : अद्भुत सौंदर्य के सवामी

52: सुमेध: सर्वज्ञानी

53: सुरेशम: सभी जीव- जंतुओं के देव

54: विश्वात्मा : ब्रह्मांड की आत्मा

55: अनिरुद्ध:जिनका विरोध ना किया जा सके

56: दयालु: दया के भंडार

57: दयानिधि: सब पर दया करने वाले

58: कंसारिर : कंस के शत्रु

59: सर्व भूतात्मकता : तत्वों की आत्मा

60: श्यामसुंदर: सांवले रंग के सुंदर दिखने वाले

61: कंज लोचन: कमल के समान नेत्र वाले

62: कुंज बिहारी: कुंज नामक गली में विहार करने वाले

63: श्री नाथ: लक्ष्मी व आनंद देने वाले

64:चक्रधारी : सुदर्शन चक्र धारन करने वाले

65: यशोदा नंदन : माँ यशोदा के पुत्र

66: इलापति: ज्ञान के सवामी

67. वैकुंठनाथ : स्वर्ग में रहने वाले

68. चतुर्भुज : चार भुजाओं वाले प्रभु

68. मोहन: आकर्षित करने वाले

69: नारायण : शरण में लेने वाले

70. देवाधिदेव: देवों के देव

71. धर्माहृदय : धर्म के स्वामी

72. शकटासुर भञ्जन : दानव शकटासुर का संहारक

73. गोप गोपीश्वर : गोप और गोपियों के भगवान

74. पीतवससे : पीले वस्त्र पहने हुए

75. सर्वपालकाय : सभी जीवों के रक्षक

76. अजाज : जीवन और मृत्यु के विजेता

77. निरञ्जन : निष्कलंक भगवान

78. कजलोचन : सुंदर नयनों वाले

79. मधुध्ने : दानव मधु के संहारक

80. मथुरानाथ: मथुरा के भगवान

81. नाराकान्तक : दानव नारका के संहारक

82. वेणुनाद विशारद : बांसुरी संगीत के बजाने में विशेषज्ञ

83. जयंतह : सभी शत्रुओं को हराने वाला

84. ज्योतिरादित्य : जिनमें सूर्य की चमक हो

85. पद्महस्ता : जिसके कमल के समान हाथ हो

86. सहस्त्रजीत : हजारों को जीतने वाले

87. अक्षरा : अविनाशी प्रभु

88. अमृत : अमृत जैसे स्वरूप वाले

89. आनंद सागर : कृपा करने वाले

90. अनंतजीत : हमेशा विजयी होने वाले

91. मयूर : मुकुट पर मोर पंख धारण करने वाले

92. तुलसीदाम भूषनाद : तुलसी माला धारण करने वाले

93. संसार वैरी : भौतिक असित्व के दुश्मन

94. गीतामृत महोदधी : भगवद्गीता का अमृत युक्त एक महासागर

95 . सारथी : अर्जुन का रथ चलाने वाले

96. यादवेन्द्र : यादव वंश के भगवान

97. अनया : जिनका कोई स्वामी ना हो

98. अव्यक्त. अनभिव्यक्त

99. सखा : अर्जुन, सुदामा के मित्र

100. सर्वेश्वर : समस्त देवों से ऊँचे

101. बलभद्र प्रियनुज : बलराम के छोटे भाई

102. मधुराकृत : आकर्षक रूप

103. योगीपति : योगियों के भगवान

104. परंज्योतिष : परम ज्योति – पूर्ण प्रकाश

105. विश्व रूप प्रदर्शक : विश्व रूप का प्रकटीकरण करने वाले

106: अजाज : जीवन और मृत्यु के विजेता

107 : वृषपर्व : धर्म के भगवान

108 : विश्वदक्शिनह : निपुण और कुशल

‼️🌹🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌹‼️ जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•

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