‼️परिवार संस्था पर ध्यान ज़रूरी हैं‼️
‼️परिवार संस्था पर ध्यान ज़रूरी हैं‼️
अधिकांश लोगों का कथन हैं कि हिंदुस्तान का विकास रॉकेट की तरह हों रही हैं। इस बात पर विश्वास भी किया जा सकता हैं,लेकिन एक खतरे के प्रति लापरवाह हो रहे हैं।वो खतरा परिवार से कही हाथ धो बैठना होगा। इस तरह की गलती कई विकसित देश कर चुके हैं।
परिवारो में सबसे महत्वपूर्ण हैं विवाह नाम की संस्था, इस संस्था में बहुत सारे परिवर्तन हो चुका हैं।
(i) अरेंज मैरिज
(ii) लव मैरिज
(iii) लिव इन रिलेशनशिप
ये तिन के पश्चात अब समलैंगिक विवाह का प्रशन उत्पन हो रही हैं। हिंदुस्तान में विवाह नाम की संस्था का आधार था:- वंशवृद्धि।
यदि मनुष्य का जीवन केवल भौतिक आयामों पर टिक कर चलता रहेगा तो फ़िर वह शरीर किसी जाति का हों मांगे बनी रहेंगी। लेकिन यदि आत्मा की बात की जाएगी तब विवाह का अर्थ हैं:- स्त्री और पुरुष की मिलन से वंशवृद्धि। और तो और परिवार चलता हैं,वंशवृद्धि से ही।
।।अतः इसलिए इस पे धीर-गंभीर लोग विचार करे।।
!!धन्यवाद!!
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