२९०८/२०२३
२९०८/२०२३
भूल कर अगर भूल भी हो जाये तो मेरे द्वारा कि गयी भूल भी अच्छी है।
क्योंकि मेरे जले हुये जख्म ताजा न हो जायें इसलिये ये भूल भी अच्छी है।
जानकर भी अंजान बनना है तो हर भूल भी अच्छी है।
समय के साथ की गयी गलतीयों को भूल कर भूल करना तो ये भूल भी अच्छी है।
सत्य बात न बोल कर अगर झूंठ बोलने में किसी दूसरे का भला हो तो झूठ बोलकर भी की गयी भूल भी अच्छी है।
कार्तिक नितिन शर्मा